Home old age बुढ़ापा यही तो है! बुढ़ापा यही तो है! Harminder Singh Chahal / Tuesday, July 05, 2011 खामोशी बढ़ रही है,नींद अब आती नहीं,क्यों दर्द बढ़ रहा है,जीवन बोझिल लगता है,क्या करें मजबूरी है,बुढ़ापा यही तो है!खो गया कुछ,ढूंढ़ रहा कहीं,पुरानापन हर जगह,समायी है जर्जरता,यादों को याद करे,बुढ़ापा यही तो है!-Harminder Singh