bushfire in jungle.. |
एक बार जब आप आग की भयंकरता का अनुभव करते हैं तो आप उसे कभी भूल नहीं पाते। अनुभव आपकी स्मृति में सुलगता रहता है।
इस महीने मैं अपने घर में सुरक्षित हुई। अपनी मुट्ठी भींचकर मैंने उत्सुकता से तसमानिया और न्यू साउथ वेल्स को धधकते हुए देखा। मैंने देखा की बादल धुंए से भूरे हो गये और काले भी। आसमान हैरान करने वाला हो गया था। मैंने देखे व्यथित और बदहवास लोग, परेशान जानवर और जलते हुए पेड़। आप में से कई से विपरीत, यह एक अनुभव मैंने किया, जिया और साक्षात देखा भी। मैं याद कर सकती हूं कि मैंने गर्म धुंए को आग की गर्मी के कारण उड़ते हुए देखा। झाड़ियों के जलने की गंध मुझे याद है। साथ ही भस्म होते पेड़, ऊपर मंडराते हुए हैलीकाप्टर तथा राख का स्वाद जो सुस्ती से हवा में इधर-उधर तैर रही थी। मुझे लाचारी, घबराहट, निराशा और क्रोध की भावनायें भी याद हैं।
मुझे याद आता है वह वक्त जब मुझे पुलिस ने आगे इसलिए नहीं जाने दिया कि वहां आग लगी हुई थी। उन्हें बताया कि वहां करीब में मेरा घर है। कार को वहीं छोड़कर मैं चुपके से पैदल ही पहाड़ी पार कर गयी।
वह घर अब मेरा नहीं रहा था क्योंकि आग उसके बिल्कुल करीब थी। मुझे चिंता हुई अपनी दो बिल्लियों की जिन्हें मैं घर में छोड़ आयी थी। आग धीरे-धीरे अंदर प्रवेश कर रही थी। मैं दूसरे रास्ते से दाखिल हुई। भगवान का शुक्र था मेरी दोनों बिल्लियां सोफे पर डरी-सहमी बैठी थीं।
मैं अंदर ही अंदर घबरा रही थी लेकिन मैंने अपना धैर्य नहीं खोया। मैं चाहती तो रो सकती थी, चिल्ला सकती थी, लेकिन मैं ऐसा करती क्यों? मैंने खुद को खुद से ही समझाया था कि ऐसा करने से कुछ भी तो अच्छा होने वाला नहीं, सिवाय इसके कि मैं ही खतरे में पड़ जाती। इसलिए मैं मन को संभाल कर शांति से आग के इतने करीब होते हुए भी घर में आयी और जरुरी सामान लेकर लौट भी गयी।
मेरी पास कार नहीं थी। मुझे मालूम था कि मैं अपने साथ जलते हुए घर से कुछ ही चीजें ले जा सकती हूं। दोनों बिल्लियां, कुछ गहने, कुछ कपड़े बगैरह मैंने तेजी से बैग में भरे और दौड़ पड़ी।
एक जीवन में करने के लिए कुछ ज्यादा था भी नहीं। कोई तस्वीर नहीं, केवल यादें। वे मेरे साथ हमेशा रहेंगी।
samay patrika e magazine
उस रात में एक टीले पर यूं ही गुमसुम बैठी रही। देखती रही आग को अपना तांडव करते हुए। घाटी जलती रही मेरे सामने और मैं उस ‘तमाशे’ की गवाह बनी रही। हैरत की बात यह थी कि अंधेरे में इतना उजड़ जाने के बाद भी उसमें एक अलग ही सुंदरता थी। शोले चमक रहे थे और वे मुझे नये साल पर होने वाली आतिशबाजी की याद दिला रहे थे। एक ओर वे पल कारुणिक थे मेरे लिए वहीं दूसरी ओर दिल कुछ और भी सोच रहा था।
जब मैं अपने बिस्तर पर होती हूं तो मुझे सायरन सुनाई देते हैं। मुझे पता है सारी रात यही होगा क्योंकि पिछले कई दिनों से ऐसा ही हो रहा है। मुझे तकिया अपने सिर पर या खुद को तकिये में बुरी तरह छिपाकर सोने की कोशिश करनी होती है।
मेरी बेटी को जब पता चला तो वह दौड़ी चली आयी। उसने और मैंने कई दिन साथ बिताये हैं। हम दोनों पौधों को साथ पानी देते हैं। जबकि हमारे विपरीत घाटी सुलग रही है। हमारा घर अब दूसरा हो चुका जबकि पहली यादें अभी ताजा ही बनी हैं। कल जब मैं कार से जा रही थी तो रास्ते मैं एक सांप नजर आया जो सड़क पार करने की कोशिश कर रहा था। जरुर वह नया स्थान खोज रहा होगा। उस जैसे जाने कितने ही रेंगने वाले जीव इस आग में झुलस गये होंगे। भगवान को अब तो दया आनी चाहिए। पता नहीं वह चुप क्यों बैठा है?
-मैरी जोसेफ़
प्रस्तुति : निशांत