जिंदगी मुस्करा रही है,
मुझे बुला रही है,
कह रही कि दूर क्यों खड़े हो,
पास आओ देखो जीवन,
जा रहा हूं मैं दूर,
सिमट रहा हूं यादों में,
सुध खो रहा हूं,
फर्क नहीं मुझे कोई,
इंसान हूं तो जी रहा हूं,
जिंदगी फिर भी कह रही मुस्कराकर,
खो दो उन यादों को,
जाने दो व्यथा को,
भूल जाओ दुख को,
आओ देखो करीब से,
कितनी खुशबू हैं यहां,
फूल हंस रहे यकीन से,
छोड़ उदासी अपनी मैं,
जिंदगी को महसूस कर रहा,
यही खुशी है, यही जिंदगी है,
यही सबकुछ जो जीवन है,
सच है,
यही जिंदगी है।
-हरमिन्दर सिंह चाहल.
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